हमारा ध्येय

भारतीय शिक्षा एवं संस्कृति विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस संस्कृति के अस्तित्व की रक्षा हेतु विद्यार्थियों में संस्कारों का होना अत्यावश्यक है। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति एवं गुरूकुल परम्परा को पुर्नजीवित करने की आवश्यकता है। जिसके लिए हम सबको जागृत होना पड़ेगा क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों में विद्यार्थी शिक्षा तो ग्रहण कर लेता है लेकिन संस्कारों का अभाव रह जाता है। जिससे विद्यार्थी अपने लक्ष्य से भटक जाता है। विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन एवं संस्कारमयी शिक्षा की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अतिआवश्यकता है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर गुरूकल की स्थापना की गई। जिसमें शिक्षा के साथ संस्कारों का सांमजस्य करके विद्यार्थियों के जीवन को उत्कृष्ट बनाया जाये। शिक्षा एवं संस्कार के मंथन से जो ज्ञान प्राप्त होगा, उसी से ही बालक का सर्वांगीण विकास हो सकता है। यह गुरुकुल संस्कारों की प्रयोगशाला है, जिसमें आप अपने बालक बालिकाओं को भेजकर सुयोग्य, चरित्रवान, राष्ट्रभक्त संस्कारित पीढ़ी का निर्माण करे।